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बुरास के फूल : पहाड़ी फूल और इसका महत्व |

Rhododendron flower

बुरास (Rhododendron flower) के फूलो से बैशाख सक्रान्त का उत्सव मनाया गया सराज में देवताओ के मंदिर से लेकर आम आदमी के घर तक धूमधाम से मना उत्सव कई गुणों की खान है |

Image Credit – Nikku Negi (Village – Janjehli)

जंजैहली सराज में बुरास के फूलो से बैशाख सक्रान्त का उत्सव मनाया गया। यह फूल तीन रंगों में पाया जाता है। जोकि सफेद लाल और गुलाबी होता है। मगर लाल बुरास के फूलो से ही विशेष पूजा की जाती है। यह बहुत ही सुंदर और लुभावना फूल है। इस फूल का सभी पशु पक्षी कीड़े मकोड़े आदमी सभी लोग इन फूलों का प्रयोग किसी ना किसी रूप में करते हैं। ब्रास ना केवल देखने में सुंदर होता है यह अपने गुणों के लिए भी जाना जाता है। कुछ लोग इन फूलों का गुलदस्ता बनाते हैं और अपने घरों की शोभा बढ़ाते हैं। कुछ लोग इस इन फूलों की पत्तियों का शरबत बनाते हैं। कुछ चटनी और कुछ लोग इसे सुखाकर पाउडर बनाते हैं।

Image credit – Nikku Negi (Village – Janjehli)

नव वर्ष के उपलक्ष्य में इन फूलों की से पूजा की जाती है। इन फूलों को घर के मांडला, गौशाला के दरवाजे पर, घर के दरवाजों पर पलाई में लगाया जाता है। पलाई अर्थात एक पर लंबी डंडे पर ब्रास के फूल चिल्लू और दूब लगाई जाती है। अब यह प्रथा कम हो गई है क्योंकि अब पेड़ काटने नहीं दिए जाते। ब्रास के फूल गुणों की खान है। जिस किसी वजह से किसी को चक्कर आता हो तो इनकी पतियों का शरबत या चटनी बनाकर खिलाते हैं यह बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक शीतल पेय है। जिसको किसी गर्मी की वजह से नकसीर आती हो तो ब्रास की फूलों की पत्तियों का सेवन करने से ठीक हो जाते हैं। खून की कमी को पूरा करते हैं वजन बढ़ने नहीं देता ब्रास के फूल से बनने वाले शब्द को यदि नियमित पीते रहे तो इससे त्वचा साफ हो जाती हैं।

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